एकेएल इलाज
एकेएल इलाज
रचना: कोडोनोप्सिस, एस्ट्रैगलस, लिकोरिस, एकोनाइट, सूखे अदरक, कॉर्नस, प्लांटैन, जेंटियन, यिनचेन, ब्यूप्लेरम, गार्डेनिया, साल्विया, रूबर्ब, एंजेलिका, व्हाइट पेनी।
अंकारा की छाप को मूल रूप से "इनक्लूजन बॉडी हेपेटाइटिस" कहा जाता था, लेकिन बाद में अंकारा, पाकिस्तान में फैलने के कारण इसे "अंकारा रोग" नाम दिया गया। इसकी विशेषता मुर्गियों में अचानक होने वाली मौतों में वृद्धि, गंभीर रक्ताल्पता, पीलिया, बढ़े हुए यकृत, प्लीहा और गुर्दे, रक्तस्राव और परिगलन हैं। यह देखा जा सकता है कि लीवर में समावेशन निकाय होते हैं, और इस बीमारी को "एनीमिया सिंड्रोम" भी कहा जाता है।
नैदानिक अभिव्यक्तियाँ: सबसे गंभीर व्यक्ति बिना किसी स्पष्ट चेतावनी के अचानक जमीन पर गिर जाता है। जीर्ण: अवसाद, अराजक पंख, नाक फेंकना, तेजी से सांस लेना, पीला और हरा पतला मल, तंत्रिका संबंधी लक्षण, खाली पैर, कुछ सुस्ती, मांसल दाढ़ी का मलिनकिरण।
उपयोग और खुराक: 3 दिनों के लिए प्रति दिन 500 ग्राम मिश्रित 150 किलोग्राम फ़ीड।